मैं बुलाता था और तुम चली आती थी, कहाँ जाना है कभी पूछती नहीं, बस साथ चलते रहते हम दोनों एक दूसरे में गुमसूदा होकर,...सब याद है मुझे।
आईना ढूंढ रहा था मैं पर शायद वो आईना मेरी तुम हो.!
मैं किसी सवाल में उतना नहीं उलझता जितना कि मैं तुम्हारी आंखों में उलझ जाता हूँ !
शायद तुम्हारे हाथ मेरी तरफ दोस्ती के लिए बढ़े थे....पर मैं ही उन्हें मदद के लिए समझ बैठा।
वक्त के हाथों लिखी एक अधूरी कहानी हूं मैं.!
कुछ रिश्ते लीबाज़ों की तरह बदले नहीं जाते, ......ये दिल से जुड़े होते हैं।
जिंदगीमें जहरिले जानवरोंसे ज्यादा जहरिले ईन्सानोंसे बचना चाहिये|
कागजकी नाव का सफर कुछ दुर जाकर खतम होता है इसलिये दुर दुरका सफर करना है तो कोई पक्का साधन अपनाना चाहिये|
अलग तो कब के होगए होते हम, पर मेरा प्यार क़ुर्बान तो हो सकता है किन्तु टूट नहीं सकता।
कितने दिन बीत गए तुमसे अलग हुए, पर आज भी कहीं न कहीं तुम्हें MISS करता हूँ...क्या ये प्यार है ?
बात जुबां पर है पर बोल नहीं सकते...तुझसे डरता तो नहीं !, पर क्या है तेरी आँखों मे जो देख के विचलित हो जाता हूँ .?
कभी-कभी आंखें कुछ और कहती हैं और जुबां कुछ और..., ये तेरे सामने आने पर ही ऐसा क्यूँ होता है।
क्या मेरा तुमसे उम्मीद करना भी गलत था.!
जिन रिश्तो पर कभी वक्त का प्रतिबन्ध नहीं रहा उन रिश्तो में वक्त के साथ-साथ कड़वाहट कैसे भर जाती है.?
हर वक्त बदलता रहता है यहां जिंदगी का फ़लसफ़ा, हो सकता है जो आज हो कल हो तुम से वो दफ़ा(दूर)।
चलो आज हुनर को हुनर सिखा दें, जिन्दगी के मायने क्या, उसको बता दें ।
रम जाएँ हम उनमें ही सारी खुशियाँ अपनी बना लें, चलो आज हम जिन्दगी की एक नई धुन गुनगुना लें।
पता नहीं ये दबाव कब बन जाए तनाव
रब तू कहा रहता है जब मेरा दर्द आँखो से बहता है
जब दिखती है तेरी गली भूल जाता है मे अली
मे नशे का जाम नहीं तेरी बेवफाई का इनाम हू