मरते है जज्बात और वो हमे मोहब्बत कहते हैं
इशक नहीं तूफान है ये बगावत का जीन्दा जहान है
आंसू से करती हु मोहब्बत की इबादत और फिर भी मांगते है मेरी मोहब्बत मे शहादत
दर्द हर रात तकिये पे बहाता है और ये जमाना हमे सब से खुश नसीब कहता है
पता नहीं कब ये जज्बात पैदा हुआ और हमारा दिल हम से दूर हुआ
मोहब्बत की दुनिया भी गजब है यहा हर जज्बात लगता अजब है
दिल चुराने का भी गजब है हुनर और जो दिल चुराता है वो ही नहीं करता कदर
तहजीब ए मोहब्बत कहा से सीखे, दुनिया से छुपाके तुम्हें कहा रखे
मोहब्बत जज्बातों की नुमाइश है बस एक पल के मिलन की फरमाइश है
रूह की मोहब्बत है तू खुदा से बड़ी इबादत है तू
हर पल ये धड़कन कहती है बस तु दिल मे रहती है
Paise ko Khuda Ka darja mat diya karo. Khuda kabhi bhi lalchi logo pe meherbaan nahi ho sakte. Samjhe?
तुम्हारी नजरों ने तो हमें पहली ही मुलाकात में लूट लिया.!
मिलके उनसे भूल जाती हू तहजीब ना जाने कहा से सीखी है उन्होंने एसी तरकीब
काश की जब भी आँखे खुले यार का दीदार हो मोहब्बत की दुनिया में मजनू सा किरदार हो
मोहब्बत मे जब दिल टूटता है खामोशी का मंजर तोहफे मे मिलता है
जज्बात सही और गलत नहीं होते है पता नहीं किस के लिए कब पैदा होते हैं
दुनियाँ में लोगों के सपने टूटते भी तो हैं, कोई बात नहीं मैं भी उनमें से एक सही.!
प्यार के बन्धन में बाँधना चाहता था मैं तुम्हें, पर भूल गया था आजाद पंछी शायद पिजरों में कभी खुश नहीं रहते.!
दोस्ती में वो छोटी-छोटी तकरार के बहाने ढूंढना न जाने कब प्यार में बदल गया पता ही नहीं चला.!
दोस्ती और प्यार के बीच के रास्ते मे शायद ऐसा ही होता है, उलझने तो होती हैं पर लब्जों में बयां नहीं होती।