उम्मीदें और भी मिल जाती हैं दुनियाँ में जीने की, किसी की याद में तड़पना कोई जीना नहीं होता।
उम्मीद तो उम्मीद होती है न, जरूरी नहीं कि पूरी ही हो।
जो दिल के पास रहते हैं, दिल भी वही तोड़ जाते हैं।
तुम बन जाओ झरना मैं खुद को तुममें समा लूँ, दिल की तपन को मैं अपने, तुझमे डूब कर बुझा लूँ।
समाजमें विचारोंके बदलाव आए बिना कोई भी सुधार और उन्नती मुमकिन नही|
उम्मीद का दिया जल इस दिल मे भी रहा था, जिसे तुमने तोडना ही मुक़म्मल समझा.!
पुरे देशमें अगर दो ही राजनैतिक पक्ष होंगे तो चुनावकी नौबत टल सकती है|बारी बारी सरकार बनाकर|
गुस्सा आता तो झटसे है लेकिन उतरता बहुतही आरामसे|
जीवन के हर क्षण के साथ कुछ ना कुछ विशेष यादें तो रह ही जाती हैं ।
तुम मुझे याद रखो ना रखो, पर मुझे तो तुम्हारे सिवाय कुछ याद ही नहीं.!
पहला प्यार था न, शायद इसीलिए मैं भूल नहीं पा रहा.....
तुम तो मेरी वो जख़्म हो जिस पर मैं मरहम भी नहीं लगा सकता।
मगरमच्छके आॅंसू बहाकर किसीकी परिस्थितीका मजाक उडाना गलतही बात है|
जलो तो अगरबत्तीकी तरह धीमें धीमें और सुगंध महकाते हुए जलो वरना कहींपे आग लगनेकी संभावना है|
जलन पेटमें हो या दिलमें, दोनो परिस्थितीयाॅं शरिरके लिये घातकही है|
धूप में जलके निखरना है अब किसी साये से नहीं बिखरना है
पता नहीं फिर किस मोड़ पे मोहब्बत हो गयी है ये जज्बातों की धारा फिर से दिल मे बह गयी है
मे गुलाब नहीं काटा हू हर गलत निगाह पर पड़ने वाला चाटा हू
जहा जरूरत ना हो वहां से जाना अच्छा है, टूट जाता है वो रिश्ता जो कच्चा है
किसीको किसीकी नजरसे नफरत होती है तो किसीको उसी नजरसे प्यार हो जाता है|आखिर अपना अपना नजरिया है|
जिन्दगी तु इतना रुलाती है, हर पल नये गम से सताती है