पहले नाम तो होने दो, बदनाम होने के लिए तैयार हूँ मैं.!
कैसे बताऊँ कौन हो तुम मेरे लिए.....
मुझे देख कर नज़रें ऐसे छुपाते क्यूँ हो, फिर कैसे बताऊँ की मुझे तेरी ज़रूरत है....
आप तब तक सोये हो जब तक आप का हौसला आप के आगे नहीं है।
जब जिन्दगी घर से निकाल के रास्ते पर लायी ही है तो क्यूँ न उस रास्ते के अंत तक चलें..
जब कुछ सही किया तो अच्छा लगा इस अच्छे का साथ ही सच्चा लगा
अब दिल लगाना ही नहीं है इन मीठी बातो से बहकना नहीं है
इन्तजार में ही तो इकरार होता है मेरी मोहब्बत का हर पल रोता है
रिश्ते ही तो मीठी याद है जिनके लिए हर तन्हा करता है फरियाद
तरसाना तो हमारी फितरत है इन्तजार हमारी पहली और आखिरी सूरत है
कहा हम में कोई बात है बस इन शब्दों के साथ गुजरती तन्हा रात है
मेरे दो चार लब्ज ही है किताब, बस संभालना इन्हे ये महकेंगे ऐसे जैसे हो गुलाब
रूठा हालात नहीं एक अनसुलजा सवाल हू आज भी तेरे जहन में रहने वाला बवाल हू
मजा है इस रुसवाई का, यार के इन्तजार मे फटती है पेरो की बीवाईया
घोर से देखे वो मोहब्बत नहीं होती है मोहब्बत की जन्नत तो उन्हे भी मिलती है जिनकी आँखे नहीं होती है
बेवजह होती है वो ही तो मोहब्बत होती है बिन बोले ये कयामत बरसती है
तुम्हे दुश्मन में गिन लू तुम इस काबिल भी नहीं मेरी मोहब्बत क्या तुम तो नफरत में शामिल भी नहीं
हमे तो तकरार है मोहब्बत अच्छी लगती है इस तकरार में ही इकरार भरी निगाहें अच्छी लगती है
हमे तो इशक से ही मोहब्बत है इशक के दर पर मेरी मोहब्बत करती इशक की इबादत है
इशक में इशक की बाहे नहीं हमे तो इशक में वफा की राहे चाहिए
फिर से वो बेसब्री का दरिया चाहिए Sms और कॉल नहीं लीफाफे में बंद भावनाओं को शब्दों का जरिया चाहिए