जीने की अगर कोई वज़ह ही न हो, तो सपनों में जीना सीख लेना चाहिए शायद कुछ सुकून मिल जाये....
तेरा साथ नहीं है अगर नसीब में, तो तुम्हारी यादों के साथ तो जी ही सकता हूँ.!
हवा का क्या दोष है जनाब मेरे इशक के दीये को ना बुझा पाया ये हवाओ का सैलाब
हुस्न नहीं, चाहो रूह को लड़किया भी चाहेगी तुम्हारी , बाहो को
दिल की कोन करता है यहा कदर अच्छी शिरत को संग लिए भटकते हैं दर - बदर
कहा है मेरा यार जो बिन कहे मेरा दर्द समझ ले वो दिलदार
कदम उनकी और बडते हैं वो जब भी प्यार से देखते हैं
मत किसी और के गुनाह पर कर शोर एक ना एक दिन आएगा तुम्हारी खता का भी दोर
याद भी उनकी अजीब है उनकी गैरमोजुदगी मे भी ले आती उनके करीब है
काश कोई तो समझा एक औरत का दर्द वरना औरत को रुलाने वालों को कहते है यहा असली मर्द
मजा बन गयी जिन्दगी जो हम थोड़े से खराब है हम पहनते जो हिजाब है तो महबूब चाहता हमे बेहिसाब है
मोहब्बत करने वाले खूबसूरत लोग कहा मिलते है जनाब खूबसूरत बदन को देख के लगाते है यहा सब मोहब्बत का हिसाब
साथ चलना था मगर तूने तो बदल ली है अपनी अब डगर...
.....तो एक और शाम ढल गयी तेरे बिना.!
वो पल जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था, आज जी रहा हूँ फिर भी सुकून नहीं है.!
दुर पेडोंकी छाॅंवमें, सोया मेरा नसिब रे, तकलिफोंसे बेखबर, मेरी चाहतोंको देखकर, एक तो दे मुझे खुषखबर|
साज छेडनेसे तराने बनते है, कलम उठानेसे कविता या गाने बनते है|
अगर दुनियामें बढे बहुत सारे सदाचार,हट जाएंगी गैर लोगोंकी दीवार|
जहाॅं हो सद् विचारोंका डेरा वहाॅं पडता नही दुश्कर्मोंका घेरा|
सारे पाप गंगामैय्यामें धुल जाते है ऐसी समझमेंही मनुष्यके पाप बढते जा रहे है|
Bhukh ko mitane ke liye paise ki jarurat hai. Paise ki bhook mitana namumkin hai.