आज उन बीते लम्हों की याद सबसे ज्यादा आती है जिन्हें मैंने ऐसे ही गवा दिया....
माना कल से होंगे हम दूर, पर उसका गम आज से ही.! ...ये तो सही नहीं।
Sir जी लड़की उठाना तब से बना है फ़ैशन जब से मेरा देशी देश बना है विदेशी नेशन
हसीन चेहरे होते हैं खराब, नजरों से पिलाते हैं शराब
लाख गलत समझ लो लेकिन मे हू मजबूर मेरा रब जानता आज भी तुम मेरे दिल के हो हजूर
प्यार त्याग को सिखाता है अपनो की खुशी है पहले चाहे हर रात हमारा अरमान तकिया भीगाता है
समज सको तो मुझे समज लेना प्यार ना सही अपना दोस्त कह देना उन रिश्तो का है आज भी एक कर्ज दिल के सोदे मे कैसे भूलू मे फर्ज
दिल के हाथो हम भी मजबूर है पर कुछ जमाने के निभाने पड़ते दस्तूर है
सफलता का संग चाहिए नसीब मे खुशी का रंग चाहिए
पता नहीं कब होगी खत्म अमावस्या मेरे जीवन मे, पता नहीं कब जिन्दगी भीगेगी खुशियों के सावन मे
आंसू है की रुकते ही नहीं पलको मे रुकना सीखते ही नहीं
जिन्दगी के इस मेले मे ना जाने कितनो के मैले है मन
यादो के सफर मे आज भी भटक रहे दर - बदर
भगवान सर पर रखना अपना हाथ हर पल चाहिए बस आपका साथ
Jine ki chaht to hame bhi thi pr es tarh se.! .....socha nahin tha....
Kafila hamare pichhe bhi hota, pr natak karna hme pasand nahin.!
Jine ki lat lag gayi hai mujhe, dard se ab fark nahin padta.!
अजीब है ख्वाब हर रोज ले आते है अरमानों का सैलाब
महकता है हर अंग जब चड़ता है मोहब्बत का रंग
जिसे कभी हम रहे थे बाहो मे सुला आज वो ही रहा है हमे रुला
जिनके लिए हम हर वक्त रहे थे भाग उन्होने ही हमारे दामन पे लगा दिया दाग