जीस दिन मेरे अपनों को होगा मुझ पे गर्व, वो दिन होगा मेरे लिए सबसे बड़ा पर्व
बस मेरे अपनों को दे दु एक खुशी का पल, चाहे फिर ना देख पाऊ आने वाला कल
मेरे अपनों को बोहत रुलाया है उन्हें आँसूओ के संग सुलाया है Sorry
Main tera dil banke tere saath dhadku, tujhe kabhi khud se door na jaane du.
Rab se mangi hai ye duaa ki tu haatho ki lakiro ko thaam le.
मुझे ईश्क से रहना था दूर पर इस ज़िद्दी दिल ने किया मुझे मजबुर.!
राह कैसी भी हो हम गुज़र जायेंगे, मंजिले-ए-शिखर हो ऊंचाई चाहे जितनी हम चढ़ जायेंगे।
वक्त अगर मोहलत देता तो टूटे रिश्तो के धागों को फिर से जोड़ आता मैं....
दृढ़ निश्चय टूट नहीं सकता किसी के आजमाने से, शेर डरते नहीं कभी अजनबी शहर में जाने से.!
वक्त के साथ ईश्क का रंग भी गाढ़ा होता गया....
मेरे दिल में जगह किसी के लिए रहेगी ही कहां से मैं तो आज भी किसी को भूलने की दुआ मांगता हूं.!
अपने डर को लिखो और एक-एक कर उसे खत्म कर दो.!
समय की कीमत क्या है, ये गुज़रा हुआ कल बता देता है.!
अपने लिए जीना है मुझे, किसी के लिए परफैक्ट बनने की जरूरत नहीं है मुझे.!
जीते रहना काफी नहीं, अगर जीने का कोई मक़सद न हो.!
हार मानना मेरे लिए कोई विकल्प नहीं है।
पाबन्दियां कैद नहीं होती, जीवन पर भी तो समय की पाबन्दी है.!
दर्द ए दास्ता क्या लिखूं , वो बेवफाई का रास्ता क्या लिखूं
जीवन बहुत ख़ूबसूरत है ये मान लेने मात्र से भी इंसान का दुख के प्रति नज़रिया बदल जाता है।
हर पल खुश रहने की आश ही इंसान को दुखी करती है।
मैंने तो अपनी हर सांस पर नाम लिख दिया है तुम्हारा.!