Tere behan ke do haath mujhe dede thakur. Ban ja mera sala, tenu mahal dilwa dunga.
Tumhari khushi jinki hasi chhin leti hay, dur raho unse.
मेरे रब एक बार फिर कर देना मुझे माफ मेरे आंचल से करना बेवफाई का दाग साफ
Ladkiyo ko haath se nikaloge nahi to wo udengi kase.
हाँ.! किस्मत बदल जाती है शायद वक्त के हिसाब से, पर कुछ को तो मजबुर होते देखा है अपने ही जज़्बात से.....
ये ठीक होगा कि किसी के लिए मैं बस बैठ के रोता रहूं.!
उम्मीद हर किसी से थी पर हर किसी ने मेरा दिल तोड़ा है.!
चन्द लोग ही हैं जो किसी के मुस्कुराहट के पीछे के दर्द को भी समझ पाते हैं.!
आँखे हो या हथेली बस उस रब की कूदरत है कभी घोर से देखो हर शख्स में रब बसाता अपनी शिरत है
कहा है जी हमारी उम्दा कलम बस शब्दों से करते है मोहब्बत मानके उन्हें अपना बलम
एहसास ही तो शायरी है जनाब शायरी मे छुपा है भावना और मोहब्बत का सैलाब
सही है मजबूरिया इकरार से इंकार बन जाती है सपना होता है किसी और सेज का और ना जाने कीसी दूजे के जीवन की बहार बन जाती है
जो साथ निभाए चाहे कितना हो मजबूर उसे ही मोहब्बत कहते हैं हुजूर
कहने को असीम सत्य है लेकिन अच्छी सूरत ही आज के जमाने का पहला तथ्य है
काश ये सच्ची बात सबको अच्छी लगती काश की सूरत से पहले शिरत दिखती
प्यार तो यार प्यार है कभी भी हो जाता है याद उसकी दिल मे रहती है चाहे वो मंजिल नहीं पाता है
प्यार के लिए एक दूजे को देखना क्यूँ जरूरी होता है प्यार तो उन्हें भी होता है जिन्हें रब आँखे नहीं देता है
प्यार सोदा नहीं है जो मे दूंगी तो मिलेगा ये तो वो इबादत है जिसका फूल एक तरफा भी खिलेगा
बिना रूबरू हुए नजरों को कातिल का नाम ना दो कीमत बता के अपनी वफ़ा का दाम ना दो
जी हमारा कोई सवाल है जनाब क्या आपका ख्याल है
आईने में खुद से जुदा तब लगते हैं जब हमारी शख्सियत भी उनपे फिदा सी लगती है