सच्चे सूख के लिए इच्छाओं का अंत कर बन जाओ संत
कही से थोड़ा सा प्यार चाहिए, मुझे सच्चा यार चाहिए
नम्र बन कर हमेशा रखा है सब्र और मेरे अरमानों को मिल गयी है कब्र
मत होना नाराज मुझसे मेरे रब, तूजे माना है मैंने अपना सब
मेरी गलतियों के लिए कर दे प्रभु माफ, बना इस काबिल की इन बेसहाराओ के आंसू कर दु साफ
मेरी अपनी गलतियों से आया यह तूफान है , हर पल पश्चाताप का उठता एक उफान है
प्रभु करोड़ो का धन नहीं देना बस देना एक शुध्द मन
मंजूर है करना हजार संघर्ष, बस उन रोते चेहरों को देना है थोड़ा सा हर्ष
रब दिखाना एक रास्ता, कैसे कराऊ उन अनाथों का खुशी से वास्ता
ख्वाब मे आज भी वो रोती मुरत आती है, कैसे हसाऊ इस सूरत को एक ही चिन्ता सताती है
कैसे दिन दुखियों का दर्द मिटाऊ, रास्ता दिखा प्रभु कैसे बेसहारा चेहरों को हसाऊ
अब तु ख्वाब नहीं फर्ज है , तुझे खुशी देना जिन्दगी की किताब मे दर्ज है
है रब कोई तो रास्ता दिखा, कैसे बेसहारा चेहरे पर मुस्कान लाऊ मुझे सीखा
लड़की को लकड़ी समज के दहेज की आग में जला देते हैं
मजबूरी करती है हमारे हर असूल की कीमत वसूल
दिल गाता है एक गीत, ना जाने कहा है मेरा मन मित
कब बाटुंगी उन अनाथों का दुख, कुछ बनकर कब मिटा पाऊँगी उन बेसहारो की भूख
नहीं मिला वो अंजाना गगन और हमने खुद का कर लिया पतन
काश की बदल सकती बीता कल तो खूबसूरत बन जाता आने वाला हर पल
हर पल रहता है सुनसान, जिन्दगी बन गयी है जीन्दा शमशान
कोई नहीं पूछता क्या है मुझे गम क्यूँ मेरी आँखे रहती है नम