मेरा यार है थोड़ा सा जूठा लेकिन मुझे लगता है मीठा
आंसू से हर रोज ये दामन भीगता है हर रात ये दिल टूटता है
हर रोज नये चेहरे से प्यार होता है सुंदर काया देख के दिल धड़कता है
प्यार को शिव जी का प्रसाद समझ के सब मे बाटते हैं आज के लड़के हर रोज नया यार बनाते हैं
उन्होंने दिल से कहा हमे अलविदा और हम बिन बोले उनकी जिन्दगी से हो गए जुदा
बसता हो जहा प्यार का पहर कहा है वो शहर
थोड़ी सी चुलबुली हू लेकिन सच्ची हू थोड़ा सा ज्यादा बोलती हु लेकिन दिल से बच्ची हू
नजरों से मोहब्बत को करने मे जाहिर है वो बड़े माहिर
मेरी इन जुल्फों की लटो में कितने अटकते है और कभी मेरी तीर ए नजर का वार सहते हैं
अटकती है ये नजरें उनकी सूरत पर, उन्हें देख के ताजूब होता है कूदरत के इस करिश्मे पर
तुम्हें अपना सनम कहते हैं तुम्हे प्यार करना पवित्र करम मानते हैं
आज कलम से मोहब्बत बरस रही है ये कलम भी मेरे यार के दीदार को तरस रही है
आज भी भटक रहे हैं उधर, मेरे यार का साया मिला था जिधर
आँखो से अक्श नहीं खून बहता है जब वो बेवफा हमे अब भी शबाब ए हुस्न कहता है
इशक का जहा उनसे शुरू होता है रग - रग मे खून नहीं उनकी वफा का कतरा बहता है
माना दुखों के हैं बादल, परन्तु ख़ुशियों पर किसका प्रतिबन्ध है, जीना अगर है ये जीवन, तो दुखों से इतना क्यूँ तंग है।
होशभरी जिंदगीमें जोशभरी घटनायें होती रहती है|
तूँ चल तो सही,- तेरी मन्जिल को भी तेरे हुनर की तलाश है।
किसी आँख में नहीं है अश्क़-ए-गम तेरे लिए, फिर तूँ दुःखी क्यूँ है किसी और के लिए।
मेरी नसीब शायद किसी और को मिल गयी.....
उसके लिए मैं दुःखी क्यूँ हूँ, जो कभी मेरे साथ खुश ही नहीं थी.!