आखिर अब अलविदा कहना पड़ेगा, चाहता तो नहीं हूँ, पर अब बस ये सफ़र यहीं रोकना पड़ेगा....
एक दिन महकने लगी थी मेरी गली, पर अब वीरान है किसी के रुठ जाने से.!
वो जो छोड़ गया तुझे बीच रास्ते में, मत फैला उसकी तरफ बाहें ... भूल जा उसे.!
मैं भूल जाऊं उसको ख़ुदा ये करम कर, इस टूटे दिल के हालात पर कुछ तो रहम कर.!
Haan wo meri koi nahi .Teri behan hai. Par meri behan ki bhabhi to ban sakti hai na. Hai ki nahi!!!
Galti se ek galti karke kya galat kya hai main ne? Kya galti karne ka haq jag walo ko hai mujhe nahi?
बिखर नहीं सकते तिनकों की तरह हवाओं में लड़खड़ा कर, जिन्दगी जीना ही होगा तुम्हें टूट नहीं सकते तुम तिलमिला कर.!
कम ही आशा थी मेरे सम्भलने की पर सम्भल रहा हूँ, तोड़ दिया था जिन्दगी ने मुझे पर अब जीना सीख रहा हूँ.!
बीन गलती के सब रुलाते हैं हर रात तकिये पे गिरते आंसू मेरा साथ निभाते हैं
दुनिया का जब देखते है असली रूप तब अपने आप ही लब हो जाते हैं चुप
हर कोई सुनाता है एक बीती हार का ताना फिर भी मंजिल को है पाना
प्रभु बता दें मेरी खता, क्यूँ हर कोई रहा है मुझे सता
अच्छे की चाहत में हम सच्चा खो आए
.....दुःख तो तब होता है जब कुछ लोग दोस्त बोल कर और ख़ुद ही दोस्ती पर संदेह करते हैं.!
कभी-कभी एक छोटी सी गलतफहमी जो होती तो ना के बराबर है ....एक मजबूत रिश्ते को खोखला कर देती है.!
यादों का मौसम है ये सावन...!
अभी न छोड़ के जाओ सजन, दीदार अभी बाकी है। बीती हैं तनहा न जाने कितनी रातें, पर सिन्दूरी रात अभी बाकी है।।
When she keeps on changing from 'main' to 'hum', the future of new journey begins.
लब हो जाते हैं चुप जब दिखता है उनका प्यारा सा रूप
रहम नहीं इशक चाहिए दिमाग मे नही दिल में रहने का हक चाहिए
इशक भूत नहीं सुहानी रूत है ये एहसास तो रब का भेजा दूत है