सही है परायी बेटी को सब रुलाते है और अपनी बेटी को प्यार से बेटा बुलाते है
हमे इशक में रब दिखता है नजरिया बदल के देखो इशक में सब दिखता है
दम गुटे वो रिश्ते तोड़ दो खुद टूटने से अच्छा है वो रिश्ते छोड़ दो
किस्मत वाले होते हैं जिन्हे भैया बोलने वाली मिलती है बेटे की चाह रखने वालों के बेटो की सुनी कलाई मिलती है
हमे तो आज भी रूठना अच्छा लगता है जो प्यार से मनाए वो साथी सच्चा लगता है
कागज कमाने की होड़ में जिन्दगी में आया तन्हाई का मोड़ है
हर दर्द का अंत होता है जब मेरा यार सामने होता है
कैसा है इनका प्यार मेरे रँग को देख रहते है मेरे संग
जीतने दो तन्हाई को दुनिया भी देखेगी बेवफा की रुसवाई को
इन दो लब्जो के अलावा भी दुनिया बसती है हमारे हर गम में वो रोती है जिन्हे दुनिया मा कहती हैं
आँखो ने छोड़ दिया है बरसना एक बेदर्द के लिए क्यूँ तरसना
अदा ही तो लूट लेती है निगाहों को देखने की वजह देती है
पत्थर भी रोता है झरना भी पर्वतों से बहता है
तूज से निभा ना सकी वफा मेरा रब भी है मुझ से खफा
आंसू से आँखे भीगती है मेरे साथ तेरी यादें भी रोती है
लबों को उसने ऐसे छुआ और मेरे दिल में कुछ हुआ
उम्मीदे और शीकवो का सिलसिला जब शुरु होता है हर रिश्ता कोने में दुबक के रोता है
तु दिल में रहता है हर रात मेरी आंखो से बहता है
आप की मज़बूरी हम समझते हैं पर क्या हमें भी कोई समझाता है..!
समय बदल जाता है देखते-देखते पर समय के साथ बदलते लोगों को मैंने देखा है...
पत्थर को पानी बनते देखा था ज़माने में, पर पानी को पत्थर बनते कितनों ने देखा है...