अधूरी कहानी भी होगी पूरी जब सनम से मिटेगी मेरी दूरी
मोहब्बत नहीं होता करना हासिल रब करता है इन्हें अपने बन्दों में शामिल
आज भी मैरी निगाहों को आती है लाज, जब खुलता है दिल का राज
यादें रहती है ताजा, धीरे से कहती है अब तु आजा
घर की भी कापती है रूह, तानों से जब बॅहु का चुप हो जाता है मुँह
मत करो अपने महबूब पर इतना गुरूर मुंह जो मोड़ेगें वो उतरेगा इशक का सुरूर
फुर्सत के कुछ पल चाहिए, मुझे मेरे सपनों का कल चाहिए
हर तरफ है एक उलजन अब दे मेरे रब कोई सुलजन
दिल पर नहीं होता गैर का राज दिल के अपने है बहुत काम - काज
रब चाहेगा तब होगा सब, मत पूछना यह होगा कब
क्यूँ इतने सितम सहते हो, पराये राग मे क्यूँ बहते हो
सिफारिश से मिले वो मोहब्बत नहीं होती, मोहब्बत होती है वो सिफारिश को नहीं रोती
कुछ नामुमकिन नहीं अगर रब दे हाथ सब मुमकिन है अगर नेक नीयत हो साथ
हर कोई है नाराज कोन सी मुसीबत का है आगाज
कोन समझता है गहरी बात आंसू के संग आती है हर रात
उस दिन होगी जय जब मिटेगा तुम्हारा भय
इशक वक्त नहीं गुजर जाए यह एहसास है जो ठहर जाए
खूद बनाते है अपने किनारे, मंजूर नहीं जीना हमे किसी के सहारे
कोई आह खाली नहीं जाती है शुकून संग बहा ले जाती है
सजा मिलती है तो सोचा अब खता कर लु , खता से ही पूछकर खता का पता कर लु
दुसरो की खुशी से आंखो मे नमी है क्यूँ नहीं तलाशते अपने गिरेबान की कमी