मैं ये सोचता था कि मेरे साथ लोगों का कारवाँ है, पर मैं गलत था, मैं आज भी तनहा हूँ, कल भी तनहा ही था।
शायद मेरी इन लकीरों में कहीं भी नहीं थी तुम....
कमियाँ तो तब तक रहेंगी जब तक फासले हैं जिन्दगी और मौत के दरमियां।
जिन्दगी और मौत के बीच जो फासला है वही "मैं" हूं।
खुशियाँ रेत की तरह हैं जो मुट्ठी से फिसलती ही रहती हैं, अगर किस्मत में ना लिखी हों तो !
बड़े शिकवे हैं इस जिन्दगी से# पर क्या करूं# जीना तो है!
किससे पूछूं मैं अपने मेंहबूब की गली.!
मेरी स्टेटस मेरी भावनाओं को व्यक्त करती हैं........अगर समझ सको तो !
जितना तेरे करीब आने की कोशिश करता हूं, फासले उतने ही बढ़ते जाते हैं.....
मेरे साथ तेरी दुआएँ हैं, वर्ना बिखर तो कब का गया था मैं।
हर एक फ्रेंड क**** होता है, पर साली मेरी तो कमीनी निकली.!
अपनी स्टाइल देख कर सब की जलती है, क्योंकि इस शहर में बस तेरे भाई की ही चलती है।
धोखे से तो कुत्ते भी काट लेते हैं शेर को....!
लोगों को दिखाने के लिए लोग करते हैं यहा नेक काम, शमशान पर कुर्सी लगवाकर भी लिखते हैं अपना नाम
Galti se ek Aurat ko kamzor samajh ne ka paap kiya hai tune. Bahut bhooktega tu -bahut .
तेरे होठों की लाली से मैं अपने होठों में रंग भर लूँ, फीकी सी दिल की जमीं को फिर से हरी कर लूँ.....तूँ जो इजाज़त दे।
शुक्र है इस नाचीज को बना दिया तुमने दिल ए अजीज
तु जरूरत नहीं मेरी मोहब्बत है तू आदत नहीं मेरी इबादत है
हुस्न के बाजार में लाखो रँग है लेकिन कोई रंग नहीं दिखता जब महबूब होता संग है
जिन्दगी को बना दिया है एक शिकायत, हर घड़ी खुद से कर रहे हैं एक बगावत
जीवनभर बनना है तेरा दास, मेरे रब बस रखना मुझे अपने पास