कभी नहीं खत्म होता यह किस्सा आज भी बचा है वो बेवफाई का हिस्सा
रब जाने चेहरा हसीन है की नहीं जो आग लगा दे पर होसले इतने बक्से है रब ने जो अच्छे - अच्छे आशिक भगा दे
पीना चाहते हैं हमें समझ के शराब ऐसे कीतने आये और गये नवाब
वफा का लहू भी महकता है दर्द बन कर सीने में दहकता है
दामन होता है सनम का साज क्या हैरत है अगर है उसे इस पर नाज
क्यूँ खुद को तोड़ने का देते हो किसी को हक, लाख गम है पर रब लिखता है अच्छा क्या तुम्हें रब पर है शक
क्यूँ इल्जाम दु बादल को टूटना फितरत थी मेरी क्यूँ इल्जाम दु बेवफ़ा आंचल को
नजरों से जब कोई गिरे तो उसे मुस्कुराकर छोड़ा जाता है मुस्कराकर छोड़ने वाले का दिल नहीं रूह को तोड़ा जाता है
इतना नाचीज मत बनाओ अपना दिल कोई करे इसकी छोटे में गिनती इतने रुतबे से जीओ हर कोई आपके दिल को पाने की करे विनती
इश्क में तबाही भी दिखती है वरना वफा की दुनिया चीखती नहीं
देख लिया भीगती पलकों का इकरार, आज भी उसी दर पर कर रहे है इंतजार
मोहब्बत में नजर को मत देना उठने सनम को इश्क में मत देना रूठने
इश्क उम्र की नहीं मोहताज किसी भी पल सर आ जाता है यह सरताज
पहली बार यार के लिए में रही हूँ लड़, मोहब्बत के रास्ते आगे रही हूँ बड़
वो थाम लेता है हाथ तब पाती हू मैरे रब का साथ
प्यार के फूल भी गए अब सूख, बदल गयी इश्क की अब वो रुख
बीता प्यार का मोसम लोटता नहीं है बीता इश्क प्रेम ओढ़नी ओढ़ता नहीं है
गम नहीं तु संग नहीं पर दर्द है तुझ में छिपा वफा का रंग नहीं है
अधूरी कहानी भी होगी पूरी जब सनम से मिटेगी मेरी दूरी
मोहब्बत नहीं होता करना हासिल रब करता है इन्हें अपने बन्दों में शामिल
आज भी मैरी निगाहों को आती है लाज, जब खुलता है दिल का राज