कहा मिलता है रूहानी इश्क सबको चाहिए जिस्मानी हक
बीन आँखो के भी दीदार होता है अंधेरे नैनो में भी रब प्रेम बीज बोता है
जज्बातों को नहीं चाहिए मोसम की इजाजत जब भी बहते हैं जज्बात लाते है कयामत
दिल की जंग है इसमे मैरे जज्बात रहते मैरे संग है
सब कुछ खो बेठे है खुशी की लो बुझा बेठे हैं
बन गया है मीठा जहर जीवन का हर पहर
जब से नाराज हुआ मुझसे मैरा रब गुम गया मैरा सब
नहीं समझते जो सही और गलत उन्हे कहते है इस जग मे हम जज्बात
काश थम जाए अब यह जिन्दगी का सफर और ना हो मैरे गमो को खबर
रब तूजसे क्या क्या करू गिला, अश्को के साथ अपनाया जो मुझे तूज से है मिला
रिहा कर दे अब गम से, नहीं जी पाते अब हमेशा नम से
लब्ज को नहीं कर पाए कैद, लब्ज बता देते हैं मैरे गम के भेद
जीस नेक काम की पहल, टूट गया वो मैरी नैकी का महल
सामजोता ही जीवन है, भीगता गमों का सावन है
चाहत में मत भूलो क्या हो खुद यह दुनिया नहीं पूछेगी आपकी सुद
बेटा ही क्यूँ जनना क्यूँ बेटी की मां नहीं बनना है
शराब पीने की मत रखो इतनी ख्वाहिश इतनी शिद्दत से किसी के गम उधार लेने की करो फरमाईश
सोचा अदा करू आज खैरात के लिए नमाज, मैरे सामने खड़ा हो गया मैरे अपने गुनाहो का समाज
इस अपनें की परिभाषा ढूंढ रही हू सच्चे एहसास की आशा ढूंढ रही हू
सच्चे एहसास का एहसास हो जाए वो अच्छा है पता लगता है कोन सा एहसास सच्चा है
सब सुपुर्द ए खाक होता है, रब ऊसे अपनाता जो पाक होता है